Sahara India News भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉरपोरेशन और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट को इन कंपनियों द्वारा जनता से वसूले गए 62,602 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है। बाजार नियामक चाहता है कि सेबी-सहारा रिफंड खाते में राशि जमा करने में विफल रहने पर विचारकों को हिरासत में ले लिया जाए।
सेबी शीर्ष अदालत से आदेश मांग रहा है कि वह दोनों कंपनियों को सेबी-सायेंस रिफंड खाते में 62,602 करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दे। सेबी की दलील में कहा गया है कि अगर पक्षकार उक्त राशि जमा करने में विफल रहते हैं, तो अदालत की अवमानना में रखे गए विचारक या पक्ष को हिरासत में लिया जाना चाहिए। Sahara India News
चिटफंड कंपनी के निवेशकों को लौटाए 7.33 करोड़ CM ने खाते में भेजी राशि
सेबी ने शीर्ष अदालत द्वारा 2012 में जारी आदेश के अनुसार सहारा की दो कंपनियों से पूर्ण देयता राशि की वसूली के लिए शीर्ष अदालत को 18 नवंबर को स्थानांतरित किया है।
सेबी की याचिका में कहा गया है कि “विचारक सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित किए गए विभिन्न आदेशों का घोर उल्लंघन कर रहे हैं।सहारा समूह के चेयरमैन सुब्रतो रॉय, इन कंपनियों के प्रमोटर, फिलहाल जमानत पर बाहर हैं और बाजार नियामक उन्हें हिरासत में लेना चाहता है, अगर फर्म बांडधारकों को राशि लौटाने में विफल रहती हैं।