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पर्ल ग्रुप घोटाले में सीबीआई ने किया एक और बड़ा खुलासा Pearl Group Scam

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Pearl Group Scam केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 60 हजार करोड़ रुपये के Pearl Group पर्ल ग्रुप घोटाले मामले में पर्ल ग्रुप के सीए (चार्टेड अकाउंटेंट) मनमोहन कमल महाजन को गिरफ्तार किया है। इसके बाद सीबीआइ को महाजन की ट्राईसिटी में करोड़ों की प्रापर्टी का पता चला। सीबीआइ की टीमें दो दिनों से ट्राईसिटी के अलग-अलग हिस्सों में छापामारी कर रही हैं। सीबीआइ अधिकारी मामले में जांच जारी होने तक छापामारी की जानकारी सार्वजनिक नहीं करने की बात कह रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित डा. आइटी इंस्टीट्यूट का मनमोहन कमल महाजन चेयरमैन है। उसकी एक एससीओ में आफिस भी है। वहीं, सेक्टर-27ए में कार्नर की कोठी, सेक्टर-27 बी में एक निर्माणाधीन कोठी, बनूड़ में कालेज, 20 एकड़ से ज्यादा की जमीन, मोहाली के इंडस्ट्रियल एरिया में प्लाट (बिल्डिग) है। इसके अलावा नोएडा, हरिद्वार, मोहाली के एयरपोर्ट रोड पर भी प्रापर्टी है। इन्हें आपरेट करने वाले दो लोगों के नाम सीबीआइ जांच में सामने आए हैं। हालांकि, कितनी प्रापर्टी मनमोहन महाजन के नाम और कितनी उनके लोगों के नाम है, इसकी पुष्टि करने में जांच एजेंसी लगी हुई है।

23 दिसंबर को CBI ने विभिन्न राज्यों से 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार आरोपियों में पर्ल ग्रुप के चन्द्र भूषण ढिल्लन, प्रेम नाथ, मनमोहन कमल महाजन, मोहनलाल सेहजपाल, कंवलजीत सिंह हैं। इसके अलावा प्रवीण कुमार अग्रवाल, मनोज कुमार जैन, आकाश अग्रवाल, अनिल कुमार खेमका, सुभाष अग्रवाल, राजेश अग्रवाल को दिल्ली, चंडीगढ़, कलकत्ता, भुवनेश्वर और कुछ अन्य राज्यों से गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने 23 दिसंबर को ही उन्हें 2 दिन की सीबीआई रिमांड पर भेज दिया था।  निवेशकों को धोखा देने के बाद सामने आया कि इसके लिए सरकार से कोई वैधानिक मंजूरी नहीं ली गई थी।

Pearl Group Scam में सीबीआइ ने देशभर में मौजूदा बाजार भाव में 1.85 लाख करोड़ रुपये की पर्ल ग्रुप के चेयरमैन एवं मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी) निर्मल सिंह भांगू की संपत्तियों की पहचान की थी।

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