PACL में जिन लोगों का पैसा फंसा है, उन्हें पीएसीएल की संपत्ति बेचकर रुपया दिया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। जिले में भी इस कंपनी में रकम जमा करने वाले काफी लोग शामिल थे, जिसमें पिछले वर्ष जनपद स्तर पर रकम वापसी कराने के लिए लोगों से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए कहा गया था। 2760 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है, जिन्हें 8 करोड़ 87 लाख रुपए वापस मिलेंगे। कंपनी के पास जिले में खरसिया के भूपदेवपुर और पुसौर में कंपनी की जमीन है। निवेशकों को राशि वापस देने के लिए जमीन कुर्क कर नीलाम की जाएगी। कलेक्टर भीम सिंह ने रायगढ़ और खरसिया एसडीएम कंपनी के स्वामित्व की जमीन और संपत्ति की मार्किंग कर विस्तृत जानकारी मांगी है। इसके बाद कुर्की की तैयारी की जाएगी।
लोढ़ा कमेटी के निर्देशों पर चल रही है कार्रवाई
चिंटफंड अधिकारी अनिल पटेल ने बताया कि पीएसीएल कंपनी का मामला सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में सेबी को निर्देश दिए थे कि जिसके बाद लोढ़ा कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ही निवेशकों को रुपए वापस दिला रही है। देशभर में यह कमेटी ही सारी प्रक्रिया पूरी कर रही है ताकि निवेशकों केे डूबे पैसे मिल सकें। प्रशासन पहले इनकी जमीनों की जानकारी खंगाल रही है जिसमें यदि कुर्क करके नीलाम कार्रवाई करके राशि वापसी कार्रवाई की जा सके।
PACL चिटफंड कंपनी मामला : कोर्ट के आदेश के बाद 4 साल से भटक रहे हैं लोग
इंदौर PACL चिटफंड कंपनी में अपनी मेहनत का पैसा जमा करने वाले लोग लाखों रुपए की वापसी के लिए भटक रहे हैं 4 साल पहले कोर्ट ने कंपनी की संपत्ति बेचकर राशि लौटाने का निर्देश दिया लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही हैं कंपनी में रुपए निवेश करने वाले लोगों ने सेबी के ऑफिस पर प्रदर्शन कर निवेशकों का पैसा मांगा लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी PACL चिटफंड कंपनी में फसा पैसा नहीं मिला
PACL चिटफंड कंपनी मामला : कोर्ट के आदेश के बाद 4 साल से भटक रहे हैं लोग
इंदौर PACL चिटफंड कंपनी में अपनी मेहनत का पैसा जमा करने वाले लोग लाखों रुपए की वापसी के लिए भटक रहे हैं 4 साल पहले कोर्ट ने कंपनी की संपत्ति बेचकर राशि लौटाने का निर्देश दिया लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही हैं कंपनी में रुपए निवेश करने वाले लोगों ने सेबी के ऑफिस पर प्रदर्शन कर निवेशकों का पैसा मांगा लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला
कंपनी की संपत्ति बेचकर देनी है राशि
निवेशक सुजीत जाट के मुताबिक 1986 से कंपनी का संचालन हो रहा था निवेशकों को प्रॉपर्टी में निवेश करने का झांसा दिया था राशि के बदले प्रॉपर्टी अथवा साडे 12% ब्याज के साथ 6 साल बाद राशि लौटाने का वादा किया था सुजीत जाट ने करीब ₹500000 जमा किए थे अन्य निवेशक अभय कुमार दुबे ओमप्रकाश खंडेलवाल कृष्णकांत कुमावत विष्णु जायसवाल संगीता कासलीवाल आदि प्रदर्शन में शामिल रहे कंपनी का ऑफिस 2014 से बंद है कंपनी के संचालकों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था जांच के मुताबिक 2016 में कोर्ट ने कंपनी की संपत्ति बेच कर निवेशकों को लौटाने का आदेश दिया है लेकिन अभी तक लोगों को अपना पैसा नहीं मिला सेबी के स्थानीय प्रतिनिधियों ने लोगों की मांग मुख्यालय तक पहुंचाने का आश्वासन दिया है |